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अनुभूति में विप्लव जी की रचनाएँ-

गीतों में-
गोधूलि निकट
गोधूलि वेला
जीवन की शाम
झरनों जैसे बैन
रूह चाहती गात
 


 

 

गोधूलि निकट

ठिठके सपने गोधूलि निकट
रवि पहुँच गया
अस्ताचल तक

अधबना नीड आई संध्या
आँसू डूबी सुख की आशा
लम्बी छाया
गंतव्य पृथक

संशय घिरता चुप अभिलाषा
जीवन, आधा पल परिभाषा
रस्ते सारे
ज्यों गये चटक

क्यों बाँह थाम रोंके यात्रा
फिर भी घटती मैत्री मात्रा
बैराग प्रथा
अब रही, खटक
 
पग दो राहे
क्यों रहे भटक 

१ अप्रैल २०२३

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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