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अनुभूति में श्याम नारायण श्रीवास्तव श्याम की रचनाएँ— 

गीतों में-
क्या होगा
बेमौसम भी
रामरती
संवादों के सेतु
हालत बदले

संकलन में-
कचनार के दिन- कचनार देखो

 

क्‍या होगा

माला फेरें
राम भरोसे क्‍या होगा

चमचम काया
गायब जोंगर,
आँगन बन बैठे
जलसा-धर
हर दम नाच-रंग
के सोसे, क्‍या होगा

वृष्टि हुई
भर जायें पोखर,
पर पानी
बह गया ढाल पर,

अपनों में
ही भात परोसे, क्‍या होगा,

बुरी पार्टी
भला आदमी
भाई, यह कैसी खुशफहमी,
बाप नकारा,
बेटे पोसे, क्‍या होगा

४ अप्रैल २०११

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