डॉ. सुरेश
जन्म: १२
दिसम्बर १९५१ को कायस्थाना अमेठी, (सुल्तानपुर) उ.प्र. में
शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी साहित्य) १९७६, एल.एल.बी, लखनऊ
विश्वविद्यालय, पी.एचडी. काशी विद्यापीठ, वाराणसी।
कार्यक्षेत्र-
अधिवक्ता, पत्रकारिता (सहायक सम्पादक ’अवध ट्रिब्यून‘) फिर
अध्यापन। विगत ढाई दशकों से स्वतंत्र रूप से कलम की मजदूरी तथा
राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले काव्य
समारोहों में गीतकार के रूप में सादर भागीदारी
प्रकाशित कृतियाँ-
सोने के दिन-चाँदी के दिन (नवगीत-संग्रह), हम तो ठहरे यार
बनजारे (गीत-संग्रह), संसद अब जलसा घर (कविता-संग्रह) मै सफ़र
में हूँ (छुटपुट फुटकर रचनाएँ) तथा तुलसी साहित्य में
प्रातिभज्ञान की अभिव्यक्ति (शोध ग्रन्थ) प्रकाशित। डा.
शम्भूनाथ जी द्वारा सम्पादित नवगीत दशक-३ एवं नवगीत अर्धशती
में सम्मान सहित रचनाएँ संकलित तथा सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं
में प्रकाशित।
अखिल भारतीय आकाशवाणी एवं दूरदर्शन केन्द्रों के अतिरिक्त के
महत्वपूर्ण प्रसारण ’केन्द्रीय निर्माण केन्द्र‘ (सी.पी.सी.
सेन्ट्रल प्रोडक्शन सेन्टर) तथा ’विविध भारती‘ से भी अनेक बार
प्रसारित) ब्रिटिश ब्रोडकास्टिंग कोरपोरेशन (बी.बी.सी.) लन्दन
से भी कई बार रचनाओं का प्रसारण। (लोकप्रिय हिन्दी गीतकार)
शृंखला की योजना के अन्तर्गत कैसेट प्रकाशित
सूचना, वन, शिक्षा, जल संस्थान के विभागीय वृत्तीचित्रों
अतिरिक्त मुंशी प्रेमचन्द की प्रसिद्ध कहानी ’दरोगा‘ एवं
’किताब‘ टेलीफिल्म्स के गीतों का लेखन।
सम्मान:
देश विदेश की अनेक साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा
पुरस्कृत एवं सम्मानित। |
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अनुभूति में
डॉ. सुरेश की रचनाएँ
गीतों में-
कंधे कुली बोझ शहजादे
मन तो भीगे कपड़े सा
मैं घाट सा चुपचाप
समय से कटकर कहाँ जाएँ
सोने के दिन चाँदी के दिन
हम तो ठहरे यार बनजारे |