अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

पं. रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी

 

विगत चार दशकों से हिन्दी मंचों पर सम्प्रेशण की गुणवत्ता युक्त गीतकार के रुप में प्रतिष्ठित। अत्यधिक लोकप्रिय कवि जिन्होंने कविता की हर विधा में श्रेष्ठ रचनायें कीं।

  अनुभूति में पं. रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी की रचनाएँ-

गीतों में-
जूते आ गए चाँदी के
तोड़ गई परछाईं

देश की धरती
 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter