अनुभूति में
पद्मा मिश्रा की रचनाएँ-
गीतों में-
गीत नया
नया सन्देश लेकर
पुरवा लहराई है
तुम छू लो कंचन हो जाऊँ
मन फागुन फागुन हो जाए |
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नया
सन्देश लेकर
बरसता है नेह का बादल-
नया सन्देश लेकर !
गूँजती बजती
मिलन की बाँसुरी
आस की राधा मचलती बावरी
भींगता अनुराग का आंचल
नया सन्देश लेकर !
कौंधती है घन घटा
ज्यों याद पिय की
चातकी मन में
विरह की ज्वाल धधकी
बिखरता है रूप का काजल
नया सन्देश लेकर !
श्याम वर्णी बादलों ने
गीत क्या गाया ?
सिहरता हर अंग
मन का मीत हरषाया
झूमता हर द्वार आँगन
एक नया सन्देश लेकर
१ अगस्त २०२३ |