अनुभूति में
पद्मा मिश्रा की रचनाएँ-
गीतों में-
गीत नया
नया सन्देश लेकर
पुरवा लहराई है
तुम छू लो कंचन हो जाऊँ
मन फागुन फागुन हो जाए |
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मन
फागुन फागुन हो जाए
रंग देना तुम ऐसे रंग में
मन फागुन-
फागुन हो जाये
टेसू का रंग पीत खुशी का
हर सिंगार पिया मनभावन
लाल-गुलाबी, अनुरागी रंग
अधरों पर हों गीत सुहावन
लिख देना प्रिय, गीत प्रणय का
मन श्यामा-
मधुवन हो जाये
नैनो की चितवन को रंगना
धरा-गगन सा मौन समर्पण
होली की मदभरी साँझ में
नव रंगों से रंजित आँगन
रंगो की घन -घटा रंगीली,
मधु-रसमय
सावन हो जाये
१ अगस्त २०२३ |