नारायणलाल परमार
जन्म- १९२७ में गुजरात में।
कार्यक्षेत्र- अध्यापन एवं लेखन। छत्तीसगढ़ उनका कार्यक्षेत्र
बना। हिन्दी और छत्तीसगढ़ी दोनो भाषाओं में उन्होंने रचना की।
धमतरी महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष के पद से
सेवानिवृत्त होने के बाद मृत्यु पर्यंत वे स्वतंत्र लेखन में
सन्नद्ध रहे।
प्रकाशित कृतियाँ
उपन्यास - प्यार की लाज, छलना, पुजामयी,
कविता संग्रह - काँवर भर धूप, रोशनी का घोषणा पत्र, खोखले
शब्दों के खिलाफ, सब कुछ निस्पन्द है, कस्तूरी यादें, विस्मय
का वृन्दावन,
इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ी में भी उन्होंने रचनाएँ कीं।
निधन- २००३ में।
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अनुभूति में
नारायणलाल परमार
की
रचनाएँ-
गीतों में-
घर कहाँ है अब हमारा
तन्वंगी यह धार
दिन पके हुए
फूलदान भी धूल सना
है
संकलन में-
तुम्हें नमन-
जन्मदिवस बापू का आया
वर्षा मंगल-
पावस गीत
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