जयकृष्ण राय तुषार
ग्राम-पसिका
जिला आज़मगढ़ में जन्म, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उच्च
शिक्षा प्राप्त और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में राज्य विधि
अधिकारी के पद पर नियुक्ति।
नवगीत,
हिन्दी गजल, लेख, साक्षात्कार आदि का लेखन। लगभग सभी प्रमुख
पत्र पत्रिकाओं, आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं अन्य चैनलों से
कविताओं का प्रसारण।
ईमेल-
jkraitushar@gmail.com
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अनुभूति में
जयकृष्ण राय तुषार की रचनाएँ-
गीतों में-
चेहरा तुम्हारा
पिता
धूप खिलेगी
फोन पर बातें न करना
बादलों के बीच में रस्ते
लोग हुए वेताल से
संकलन-
ममतामयी-
माँ तुम गंगाजल होती हो
होली है-
गाल गुलाबी हुए धूप के
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