अनुभूति में
देवेन्द्र सफल की रचनाएँ
गीतों में-
गिलहरी
धूप ने पहने
कपड़े कुहरीले
महल पर बादल
बरसे हैं
मैं हूँ मौन
मौसम-मौसम
में जहर
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मौसम मौसम में जहर
मौसम-मौसम में जहर घुला
काँटे-काँटे बौराये हैं
शाखें-शाखें है तनी हुई
पत्ते-पत्ते कुम्हलाये हैं
फागुन ने ओढ़ उदासी-ली
कोयल भी है सहमी-सहमी
कोमल गुलाब आतंकित हैं
शूलों के घर गहमा गहमी
कलियाँ-कलियाँ दुख में डूबीं
भौरें-भौरें अकुलाये हैं
चन्दा का वैभव तार-तार
दूधिया चाँदनी पर पहरे
सूरज की आँखें दहकी हैं
क्या होगा, कौन-कहाँ ठहरे
बदले-बदले परिवेश लगें
दर्पण-दर्पण धुँधलाये हैं
आकाश मौन तारे चुप हैं
तूफानों के है तीखे स्वर
बादल घुमड़े-गरजे, लेकिन
वे बरसे प्यास के घर
प्यासे-प्यासे आँगन-मधुवन
मरुथल-मरुथल तिर आये हैं
१८ नवंबर २०१३
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