अनुभूति में
अविनाश ब्यौहार की
रचनाएँ- गीतों में-
कैसे भरूँ उड़ान
चुभती बूँदें
दूर खड़े
वर्षा गीत
सन्नाटों की झीलें
सौंधी-सौंधी गंध
हुआ तो क्या |
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वर्षा
गीत
घोर घटा छाई
मौसम है मक़्बूल
अंकुरित हो आए फूल-पत्ते
लबालब भरे हुए हैं खत्ते
शिलापट्ट जेठ की
तपन गये भूल
बूँदा-बाँदी मतलब मेघों का प्यार
चतुर्दिक हो रही आनंद की बौछार
चिकने पत्ते बूटे निखर
गये फूल
१ अक्तूबर २०१८ |