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अनुभूति में अविनाश ब्यौहार की रचनाएँ-

गीतों में-
कैसे भरूँ उड़ान
चुभती बूँदें
दूर खड़े
वर्षा गीत
सन्नाटों की झीलें
सौंधी-सौंधी गंध
हुआ तो क्या

 

सौंधी-सौंधी गंध

सौंधी-सौंधी गंध उठ रही
माह जुलाई है

आ गया मौसम काली घटाओं का
बाग में बिखरी मोहक छटाओं का
शिखरों के मुखड़े पर चिपकी
हुई लुनाई है

डैने फैलाए मेघ उड़ रहे हैं।
फुहार लगे गूँगे का गुड़ रहे हैं।
वर्षा के पानी की सरिता
करे पहुनाई है

१ अक्तूबर २०१८

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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