अनुभूति में
अविनाश ब्यौहार की
रचनाएँ- गीतों में-
कैसे भरूँ उड़ान
चुभती बूँदें
दूर खड़े
वर्षा गीत
सन्नाटों की झीलें
सौंधी-सौंधी गंध
हुआ तो क्या |
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सन्नाटों
की झीलें हैं सन्नाटों
की झीलें
दिन हुए पुरइन
फुनगी संग धूप की होती किलोल
पिक बंधु हवाओं में गंध रहे घोल
ताल-तलैया सूने-सूने
हैं, हंसों के बिन
सफर हुआ खत्म नदिया का मुहाना है
फ़िरदौस में गंध की तितली उड़ाना है
नदी-नाव संयोग पा
पुलकित पल-छिन
१ अक्तूबर २०१८ |