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अनुभूति में आशाराम त्रिपाठी की रचनाएँ—

गीतों में—
उजियारा कुछ मंद हो गया
ऐसा उपवन हो
कविता से
मुरझाई कली
हे बादल

अंजुमन में—
दरपन ने कई बार कहा है
सहसा चाँद उतर आता है

संकलन में—
लहर का कहर– सुनामी लहरें

 

 

सहसा चाँद उतर आता है

दो नयनों के नीलगगन में सहसा चाँद उतर आता है
यादों के मोती झरते हैं मन का आँचल भर जाता है

जब जब आया मस्ती लेकर दरिया सा दिल बादल का
सूखे अधरों पर उम्मीदों का नंदनवन खिल जाता है

नेह नगर के मौन बटोही मौन भले ही रहें मगर
खोई नजरों का पंछी बिन कहे बहुत कुछ कह जाता है

जब रीते मन की चाहत बीते पल जीने लगती है
सरगम सा जीवन लगता है बिखरा साज संवर जाता है

कुछ पल की हलचल हो जाती सूने पन के मेले में
पर मीठी बातों के सपनों से किसका जी भर पाता है

१ जून २००६

 

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