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अनुभूति में रघुवीर सहाय की रचनाएँ-

कविताओं में-
अधिनायक
दुनिया
पढ़िए गीता
नशे में दया
बसंत
बसंत आया
भला

लघु रचनाओं में
अगर कहीं मैं तोता होता
चांद की आदतें
बौर
पानी के संस्मरण
प्रतीक्षा

क्षणिकाओं में
वसंत
चढ़ती स्त्री
अँग्रेज़ी
दृश्य(१)
दृश्य(२)

संकलन में
धूप के पाँव- धूप
वर्षा मंगल - पहला पानी

  क्षणिकाएँ


वसंत
वही आदर्श मौसम
और मन में कुछ टूटता-सा :
अनुभव से जानता हूँ कि यह वसंत है


चढ़ती स्त्री
बच्चा गोद में लिए
चलती बस में
चढ़ती स्त्री
और मुझमें कुछ दूर तक घिसटता जाता हुआ।


अग्रेज़ी
अग्रेज़ों ने
अंग्रेज़ी पढ़ा कर प्रजा बनाई
अंग्रेज़ी पढ़ा कर अब हम
प्रजा बना रहे हैं।


दृश्य (१)

घोड़ा बिना सवार के
गली में दौड़ता जाता है
मुड़ कर देखता है मुझे।


दृश्य (२)

बंदूकें मकान की तरफ़
मकानों में लोग
सड़क पर
एक एंबुलेंस, एक लाश गाड़ी
और एक पुलिस वैन

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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