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मेरा देश
यदि कहीं भी स्वर्ग है, स्वर्ग है
यही विशेष
मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश
गा रहे मनुज यही, देव दैत्य यक्ष शेष,
मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश
नील-हरित जलधि रंग, अविरल उच्छल तरंग
हरीतिमा सजाए भूमि, पीत, लाल, श्याम संग
हिम ढके उतुंग तुंग, सज रहे हैं सौम्य श्वेत
मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश
आस से भरे प्रभात, राग-रंग साथ-साथ
खिलखिलाए पुष्प-पुष्प, हर दिशा भरे सुवास
वृक्ष गुल्म झूमते, लहलहाते खेत-खेत
मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश
स्वच्छ सलिल भर प्रवाह, सरित करें मृदुल नाद
झर-झर कर झरता नीर, ऊँचे-ऊँचे जलप्रपात
कलरव कर विहग-वृंद दे रहे यही सन्देश
मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश
७ मई २०१२ |