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अर्चना पंडा

अर्चना पंडा कविता के साथ साथ संगीत एवं अभिनय में गहरी रुचि रखती हैं। कई प्रसिद्ध आयोजनों में उद्घोषिका रही अर्चना टी. वी. पर भी अपनी इस कला से लोकप्रिय हो चुकी हैं। टैक्सस के "रेडियो सलाम नमस्ते" से भी इनकी कई कविताएँ एवं वार्ताओं का प्रसारण किया गया है।

व्यवसायिक रूप से अर्चना सॉफ्टवेर इंजीनियर है एवं सिलिकन वैली में जाल प्रकाशन का काम कर रही हैं। याहू तथा इ बे जैसी प्रसिद्ध कंपनियों के साथ काम कर चुकी अर्चना भारत से इंजीनियरिंग एवं एम.बी. ए. कर के १९९९ में अमेरिका आई थीं। वे बे एरिया के कई सामाजिक संस्थानों पर हिन्दी पढ़ाते हुए वे हिन्दी के प्रचार में बहुमूल्य योगदान भी कर रही हैं।

अर्चना के कविता संग्रह "सृजनी" का विश्व हिन्दी सम्मेलन २००७ में न्यू यार्क में विमोचन हुआ था।

ईमेलः panda_archana@yahoo.com  

  अनुभूति में अर्चना पंडा की रचनाएँ—

अंजुमन में-
अच्छा लगता है
अपनो से ही अपने दिल की बात करें
जो ख़रीदे इश्क़
तुमको कितना याद किया
मैं गीत गाना चाहती हूँ

हास्य व्यंग्य में—
अमरीका
कोई भारत से जब आए
नौकरी की टोकरी
वैलेंटाइन डे
शादी अच्छे घरों में हो

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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