सुनील कुमार
श्रीवास्तव
जन्म : २५
अगस्त १९५६
शिक्षा :
एम. ए. (भाषाविज्ञान), प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान (लखनऊ
विश्वविद्यालय)
बी. ए. (मनोविज्ञान, अंग्रेज़ी भाषा-साहित्य, हिंदी
भाषा-साहित्य), इलाहाबाद विश्वविद्यालय, 1976
प्रकाशित कृतियाँ :
शोध ग्रंथ- “भोजपुरी की ध्वनिकीय विशिष्टताएँ ”
कविता संकलन : “रश्मियों के पीत घेरे ” (१९७३), “गीत और गीत-४
(संपादित) (१९९४), “सदी का आख़िरी गीत ” (२००३)।
राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय-सम्मेलनों में शोधपत्र
प्रस्तुत तथा प्रमुख शोध-पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित।
कार्यक्षेत्र-
पिछले ३० वर्षों से विभिन्न सरकारी मंत्रालयों में भाषा से
जुड़े विभिन्न पदों पर कार्य। वर्ष २००१ से २००६ के बीच
विदेश-मंत्रालय में उपसचिव (हिन्दी) के रूप में विदेशों में
भारतीय भाषाओं एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार का कार्य।
वर्त्तमान में संघ लोक सेवा आयोग में कार्यरत।
बुडापेस्ट (हंगरी), पोर्ट ऑफ स्पेन (त्रिनिदाद एंड टोबैगो),
पोर्ट लुई (मॉरिशश), पारामारिबो (सूरीनाम), मियर्कूरिया चुक
(रोमानिया), सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) आदि अनेक देशों/स्थानों पर
हिन्दी-सम्मेलनों का आयोजन एवं भारतीय प्रतिनिधि के रूप में
सहभागिता। समकालीन हिन्दी साहित्य (साहित्य अकादमी), वागर्थ
(भारतीय भाषा परिषद), साक्षात्कार (मध्य-प्रदेश साहित्य
परिषद), धर्मयुग, हिन्दुस्तान, लोकमत, वसुधा आदि प्रमुख
पत्र-पत्रिकाओं में कविता, गीत, कहानी, समीक्षा, भाषांतर आदि
प्रकाशित। टी.वी. सीरियल और फिल्म के लिए लेखन में मानद
परामर्श और सहयोग।
संपर्क :
shrisunil@gmail.com
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अनुभूति में
सुनील कुमार
श्रीवास्तव की
रचनाएँ -
छंद मुक्त में-
जड़ें
प्लास्टिक युग के मनुष्य
यात्रा
स्कूल जाते बच्चे का प्रेम-गीत
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