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अनुभूति में शील भूषण  की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
अपना अपना सा
अब और नहीं
तड़पन
मेरा अपना सत्य
शून्य-सा जीवन

 

अपना-अपना–सा

तुम
न जाने कहाँ से चुपके से
धीरे से आ
मेरे सूने हृदय द्वार पर
धीमा-सा दस्तक दे
न जाने... कहाँ छुप भी जाते हो
कौन हो तुम नहीं पहचान पाती
बस
एक अहसास सा होता है
कि है कोई
अपना-अपना-सा

१६ जनवरी २०१२

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