अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में ऋचा अग्रवाल की रचनाएँ-

छंद मुक्त में-
उम्मीद की रोशनी तुम
बातें
वो बारिश की बूँदें
शब्द
स्त्री

 

बातें

बातें तेरे मन की,
मेरे मन की
इसकी-उसकी

बातें कभी चाय पर, कभी कॉफी पर
तो कभी फोन पर
कभी खुद से, तो कभी किताबों से

बातें कभी क, ख, ग जैसी
सीधी-सादी आसान सी
तो कभी गहरी रात सी

बातें कभी काम की, कभी बेकार की
कभी प्यार की, कभी तकरार की

बातें जो कभी दिमाग से यों ही निकल जाती हैं
और कभी ताउम्र के लिए
दिल के एक कोने में घर बना लेती हैं

बातें कभी चुटकियों में मुट्ठी से फिसलती रेत सी
और कभी खत्म ना होने वाली
सपनों कि लंबी उड़ान सी

बातें कभी चाशनी सी मीठी
तो कभी कड़वी नीम सी

बातें कभी झुलसते हुए मन पर
रुई के फाहे सी
और कभी घाव करने वाली सुई की चुभन सी

पर ये बातें चाहे कैसी भी हो
जीने का जरिया हैं यही
और एक दूसरे को समझने का भी

तो चलो ना, कुछ देर बैठकर बातें करते हैं
ढेर सारी बातें
कुछ तेरे मन की, कुछ मेरे मन की।

१ अप्रैल २०२१

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter