अनुभूति में पंखुरी
सिन्हा
की रचनाएँ—
छंदमुक्त में—
अनहद
आगंतुक
आरोपित आवाजों की कहानी
एफ आई आर दायर करो
हमारी तकलीफों की रिपोर्ट |
|
एफ आई आर दायर
करो
जो मारा गया चौक में कल
वो आदमी हमारा कौन था
ठीक है कि जुलूस में शामिल हुए हम
धरना दिया हमने
जेल भी गए कुछ लोग
घंटे भर के लिए
या शायद दिन भर के लिए
पर कौन था वह आदमी
क्या कहा गया उसके माध्यम से
किस से, किस किस से
क्या कहती थी हत्या उसकी
और वह लड़की
जिसकी रेती गयी गर्दन
सड़क पर
और हम फिर शामिल हुए जुलूस में
कि हमारा ज़मीर जिंदा था
और माँगी हमने कड़ी से कड़ी सुरक्षा
सबके लिए
क्या सबके लिए
और कड़ी से कड़ी सजा गुनहगारों के लिए
हमारा ज़मीर जिंदा था
पर आखिर वो लड़की हमारी कौन थी
ये हत्या और सुरक्षा के संवाद की पूरी बात क्या है?
हम रेतेंगे गला तुम्हारा, तुम माँगो सुरक्षा
और उससे पहले का चरण
की सभा में झगड़ा करेंगे हम
अपमान तुम्हारा
तुम सवाल करो
या फिर दायर करो।
६ जुलाई २०१५ |