अनुभूति में
मेहरवान राठौर की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
खंडहर
प्यार करने के लिए
बाज़ार और तुम
मन करता है
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बाज़ार और तुम
बाज़ार में तुम्हारे
बिकने के लिए
ज़रूरी नहीं कि
तुम हो
चौबीस कैरेट की तरह खरे
न ही ज़रूरत है
तुम्हें ज़िंदगी की
प्रयोगशाला में
मोटे से चश्मे वाले वैज्ञानिक की
परखनली में रहने की
कीड़ों व कीटनाशकों
की मिलावट भी
मायने नहीं रखती
बाज़ार में बिकने के लिए
सबसे ज़रूरी है रैपर, आकर्षक- सा और
उस पर ऊँचा-सा ब्रांड।
१ जून २००९ |