अनुभूति में
लालित्य ललित
की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
आज की परिभाषा
गाँव का खत शहर के नाम
फूल पत्ती और तितली
यात्राएँ
साहब और बड़े साहब
|
|
साहब और बड़े साहब
साहब
और बड़े साहब क्या होते हैं ?
एक मक्खन की छोटी टिक्की
और दूसरी आधा किलो की
दोनों को चापलूसी पसंद है
किसी को कम
या किसी को ज्यादा
यदि आप इस पवित्र यज्ञ की
परिभाषा से परिचित है
तो वर्ष भर में
आपकी अनगिनत यात्राएं
होंगी
और यदि आप इस पुराण प्रक्रिया से
अनभिज्ञ हैं तो
आप बैठे रहेंगे कतार में
और दूसरे महसूस करेंगे
आपके बारे में
जिस व्यक्ति का नंबर
मिला रहे हैं
वह आपके संपर्क दायरे से
बाहर है
आप प्रयास करते रहे !!!
१७ दिसंबर २०१२
|