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अनुभूति में खेमकरण सोमन की रचनाएँ

छंदमुक्त में—
इतना इतना इतना
कलम के कंधे पर इतिहास
तुमने जब आम दिए
मर तो उसी दिन गया था
सबसे पहले

 

सबसे पहले

कद्र की धरती पर ही
उगता है प्यार का हसीन चाँद
उगता है अभिव्यक्ति का सूरज
उगते हैं स्वतंत्रता के बीज
उगती है खुशहाली की फसलें
उगती है विश्वास, भरोसा और सत्य की डोर
उगते हैं अपनत्व के सपने
उगते हैं एक-दूसरे के प्रति
निश्चिंतता के पेड़
और हाथों में हाथ लेकर चलने का तरीका

कद्र की धरती पर ही
उगता है सबसे पहले कद्र भी।

१ जून २०२३

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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