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कविता गुप्ता

जून १९६८ में जन्मी कविता गुप्ता अपनी तमाम व्यावसायिक व्यस्तताओं के चलते अपनी मन की बात कविताओं के जरिए कहने की फुर्सत निकाल ही लेती हैं।

भयंकर पढ़ाकू कविता का एक कविता संग्रह 'यों ही नहीं रोती माँ' वाणी प्रकाशन से आ चुका है। आकाशवाणी और दूरदर्शन से कविताओं के प्रसारण भी हुए हैं।

सम्प्रति : स्वयं का व्यवसाय

ई मेल- 
rachnarat@rediffmail.com

  अनुभूति में कविता गुप्ता की रचनाएँ—

नयी रचनाओं में-
आसमान छूता बालक
चिड़िया
बिजूका
महसूसता हूँ गर्व
यह कौन सा वृक्ष है

छंदमुक्त में-
पिघलने के बाद
यों ही नहीं रोती माँ
राख का ढेर

 

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