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बढ़े चलो
देश की एकता, अखंडता के लिए
बढ़े चलो साथियों तिरंगे की छाँव में!
मुश्किलों से हार तो हम मानते नहीं,
हौसला कम है न है जुनून की कमी,
अब कोई भी हमको कमज़ोर न समझे -
पल भर में नाप देंगे हम आसमाँ-ज़मीं,
जागृति की ज्योति जलाएँगे गाँव-गाँव में!
बढ़े चलो साथियो तिरंगे की छाँव में!
प्राणों से प्यारा हमको अपना वतन है,
प्रेम की फुलवारी है खुशियों का चमन है,
देवता गंधर्व इसकी करते आरती -
जयघोष के जयगान से गूँजा ये गगन है,
स्वर्ग-सा सुखमय जीवन है इसके पाँव में!
बढ़े चलो साथियो तिरंगे की छाँव में!
24 मार्च 2007
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