अनुभूति में
एकांत श्रीवास्तव की
रचनाएँ- नई रचनाएँ-
अनाम चिड़िया के नाम
नहीं आने के लिए कहकर
यात्रा
विरुद्ध कथा
विस्थापन
छंदमुक्त में-
करेले बेचने आई बच्चियाँ
नमक बेचनेवाले
बिजली
रास्ता काटना
लोहा |
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विरुद्ध कथा
पहले भाव पैदा हुए
फिर शब्द
फिर उन शब्दों को गानेवाले कंठ
फिर उन कंठों को दबानेवाले हाथ
पहले सूर्य पैदा हुआ
फिर धरती
फिर उस धरती को बसानेवाले जन
फिर उन जनों को सतानेवाला तंत्र
पहले पत्थर पैदा हुए
फिर आग
फिर उस आग को बचानेवाले अलाव
फिर उन अलावों को बुझानेवाला इंद्र
जो पैदा हुए, मरे नहीं
मारनेवालों के विरुद्ध खड़े हुए
हम फूल थे
पत्थर बने
कड़े हुए
इस तरह इस धरती पर बड़े हुए
२७ अप्रैल २००९ |