सोनरूपा विशाल
जन्म- ३०
अक्टूबर को बदायूँ (उ.प्र.)में
शिक्षा- एम.ए. (हिन्दी), पी–एच-डी. रूहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली,
एम.ए. पूर्वार्द्ध (संगीत गायन) दयालबाग विश्वविद्यालय, आगरा,
संगीत प्रभाकर प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद।
कार्यक्षेत्र-
लेखन, गायन व कार्यक्रमों की प्रस्तुति
केन्द्रीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद (ICCR) एवं इंडियन वर्ड
कल्चरल फोरम (IWCF) द्वारा गजल गायन हेतु अधिकृत, रामपुर एवं
बरेली आकशवाणी से विगत १२ वर्षों से ग़ज़ल गायन, दिल्ली, लखनऊ एवं
बरेली दूरदर्शन से ग़ज़लें एवं कवितायें प्रसारित सब टी.वी., आज
तक, एवं संस्कार चैनल, ई टी.वी.पर प्रस्तुति।
प्रकाशित कृतियाँ-
'लिखना ज़रूरी है' ग़ज़ल संग्रह, ‘आपका साथ’ (डॉ. उर्मिलेश की ग़ज़लों
काऑडियो एल्बम) ‘स्त्री होकर सवाल करती है', 'नारी विमर्श के
अर्थ', स्त्री होकर सवाल करती है’, 'कविता अनवरत' साझा 'संग्रहों
में कविताएँ एवं लेख प्रकाशित। अतिथि सम्पादक- 'सरस्वती सुमन
के डॉ उर्मिलेश विशेषांक' का अतिथि संपादन। देश की प्रतिष्ठित
पत्र पत्रिकाओं में ग़ज़लें, कविताएँ, लेख प्रकाशित। साथ ही एक
ब्लॉग- लिखना
जरूरी है और स्वयं का वेब साइट-
सोनरूपा विशाल।
पुरस्कार व सम्मान-
प्रथम ग़ज़ल संग्रह ‘लिखना ज़रूरी है’ के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी
संस्थान द्वारा वर्ष २०१५ का ‘हरिवंश राय बच्चन नवोदित गीतकार
सम्मान’, उदभव संस्था दिल्ली एवं आई सी सी आर द्वारा ‘उदभव
विशिष्ट सम्मान’, आधारशिला फाउंडेशन द्वारा ‘कला श्री सम्मान’,
विपुलम विदुषी सम्मान', ‘बदायूँ गरिमा’ सम्मान, कादम्बरी संस्था
(जबलपुर) द्वारा ग़ज़ल संग्रह ‘लिखनाज़रूरी है' के लिए ‘सरस्वती
सिंह नवोदित हिन्दी सेवी सम्मान’, मॉरिशस कला मंत्रालय द्वारा
‘विशिष्ट प्रतिभा अलंकरण’, सब टी .वी के कार्यक्रम ‘वाह वाह
क्या बात है’ में ‘नवोदित कवि स्वर’ सम्मान, उत्तर प्रदेश लेखिका
कला मंच, वन आगरा द्वारा सम्मान, रोटरी क्लब ग्रेट मुरादाबाद
एवं धरोहर द्वारा ‘साहित्यकार सम्मान’
ई मेल :
sonroopa.vishal@gmail.com
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अनुभूति में
सोनरूपा विशाल
की रचनाएँ-
अंजुमन में-
अपनी ये पहचान
ज़रूरी है
पिता
माँ
सुब्ह फूलों से रात तारों से |