मुसव्विर रहमान
क़स्बा कैलाशपुर, ज़िला- सहारनपुर,
उ॰ प्र॰ में जन्मे डा॰ रहमान मुसव्विर ने जामिया मिल्लिया
इस्लामिया नई दिल्ली से हिंदी में पी-एच॰ डी॰ तथा जनसंचार लेखन
में पी॰ जी॰ डिप्लोमा किया। संप्रति वे जामिया मिल्लिया
इस्लामिया (केंद्रीय विश्वविद्यालय), नई दिल्ली के हिंदी विभाग
में असिस्टैंट प्रोफ़ेसर हैं।
प्रकाशित कृतियाँ-
टैगोर की ११४ कविताओं का उर्दू-हिंदी में काव्यानुवाद
‘रोमांसिग टैगोर’ तथा पाकिस्तानी उर्दू कथा साहित्य में भारतीय
मिथक नाम से एक शोधपुस्तक के अतिरिक्त उन्होंने इलेक्ट्रोनिक
मीडिया के लिए लेखन, ई-टीवी उर्दू तथा डी॰ डी॰ मेट्रो के लिए
धारावाहिक के शीर्षक गीत तथा मारिशस के लेखकों पर बने
वृत्तचित्रों की पटकथा, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से रचना पाठ,
वर्तमान साहित्य के प्रवासी साहित्य महाविशेषांक के अतिथि सह
संपादन तथा मासिक पत्रिका ‘मुस्लिम टुडे’ का साहित्य संपादक
(मानद) उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। इसके अतिरिक्त उनके लेख
गजल और अनुवाद लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित
हुए हैं। वे देश एवं देश के बाहर मुशायरों और कवि सम्मेलनों के
मंचों से भी रचना पाठ कर चुके हैं।
वे हिंदी तथा उर्दू लेखन में समान रूप से सक्रिय हैं।
संपर्क-
musawwirpoet@gmail.com
|
|
अनुभूति में
मुसव्विर रहमान
की रचनाएँ-
अंजुमन में-
इक अधूरी सी मुलाकात
कैसा अंधेर है
कौन सा लम्हा था
चमक रही हैं आँखें
जो हर इक बात पर
|