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अनुभूति में ममता किरण की रचनाएँ

नई रचनाएँ--
इक दूजे में
छुपा है दिल में
जाने कहाँ चले गए
याद आया
ये ख्वाहिश है

अंजुमन में—
आज मंज़र थे
कोई आँसू बहाता है
खुदकुशी करना
दायरे से
बाग जैसे गूँजता है पंछियों से
रात जाएगी सुबह आएगी
हवा डोली है
होली आई है

 

इक दूजे में

इक दूजे में खोना है
चाँद गगन सा होना है

दो ही मौसम होते हैं
हँसना है या रोना है

जीवन की हर इक लय में
तेरा नाम पिरोना है

क्यूँ न उनको तोड़ ही दो
जिन रिश्तों को ढोना है

उजड़ी शाखें हरी रहें
बीज प्यार के बोना है

उसको पाने की ख़ातिर
उसमें ख़ुद को खोना है

३१ जनवरी २०११

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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