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दायरे से
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अंजुमन में—
आज मंज़र थे
कोई आँसू बहाता है
खुदकुशी करना
रात जाएगी सुबह आएगी
हवा डोली है
होली आई है

 

खुदकुशी करना

खुदकुशी करना बहुत आसान है,
जी के दिखला, तब कहूँ इनसान है।

सारी दुनिया चाहे जो कहती रहे,
मैं जिसे पूजूँ वही भगवान है।

चंद नियमों में न यो बँध पाएगी,
ज़िंदगी की हर डगर अनजान है।

टिक नहीं पाएगा कोई सच यहाँ,
झूठ ने जारी किया फ़रमान है।

भीगा मौसम कह गया ये कान में,
क्यों गली, दिल की तेरे वीरान है।

16 अप्रैल 2007

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