खूब नारे उछाले गए
खूब नारे उछाले गए
लोग बातों में टाले गए।
जो अँधेरों में पाले गए
दूर तक वो उजाले गए।
जिसने ज्यादा उड़ाने भरीं
उसके पर नोच डाले गए।
जिनसे घर में उजाले हुए
वो ही घर से निकाले गए।
जिनके मन में कोई चोर था,
वो नियम से शिवाले गए।
इक ज़रा-सी मुलाक़ात के
कितने मतलब निकाले गए।
अब ये ताज़ा अँधेरे जियो,
कल के बासी उजाले गए।
|