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अनुभूति में कृष्ण शलभ की रचनाएँ-

बाल गीतों में-
अमर कहानी
एक किरन
किरन परी
चले हवा
टेसू माँगे
धूप

अंजुमन में-
अगर सूरत बदलनी है
उसकी बातों पे
कहीं से बीज इमली के
चेहरे पर चेहरा
जाने हैं हम
हर तरफ़ घुप्प-सा

 

उसकी बातों पे

उसकी बातों पे ध्यान मत देना
हाथ उसके कमान मत देना

पंख जल जाएँ आ के सूरज तक
इतनी ऊँची उड़ान मत देना

जिसपे नादिम हों अपनी संतानें
ऐसा झूठा बयान मत देना

अपनी औक़ात भूल जाऊँ मैं
कोई ऐसा गुमान मत देना

बोल मीठे न बोल पाए दो
या खुदा वो जुबान मत देना!

२६ अक्तूबर २००९

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