बाल गीतों में- अमर कहानी एक किरन किरन परी चले हवा टेसू माँगे धूप
अंजुमन में- अगर सूरत बदलनी है उसकी बातों पे कहीं से बीज इमली के चेहरे पर चेहरा जाने हैं हम हर तरफ़ घुप्प-सा
चेहरे पर चेहरा
चेहरे पर चेहरा मत रख तू खुद को ऐसा मत रख
सब तेरी मुट्ठी में है ऐसा तो दावा मत रख
तुझको मंज़िल पानी तो कभी कदम आधा मत रख
काम चले, बस इतना रख दौलत को ज़्यादा मत रख
बातें चाहे जैसी कर लहज़े को तीखा मत रख!
२६ अक्तूबर २००९
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