हरि अन्जान
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१२ जुलाई १९५८ को जन्मे हरि अनजान की मातृभाषा मलयालम
है। वर्ष २००६ में ख़ामोशियाँ नाम से उनका एक ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित हुआ है।
संप्रति वे पश्चिम मध्य रेल, भोपाल के राजभाषा विभाग में कार्यरत हैं।
ई मेल-
harikirti@yahoo.com
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अनुभूति में हरि
अन्जान की रचनाएँ-
अंजुमन में-
अगर चलने का
आया किये थे तेरे शहर
ज़ख़्मों को हवा
धूप
फ़ासिले |