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अनुभूति में आर्य हरीश कोशलपुरी की रचनाएँ-

अंजुमन में-
क्या पता
जिंदा है पर
नादानों से
पिंजरे में

 

नादानों से

नादानों से प्यार न करना
ये जीवन बेकार न करना

पत्थर मारेगी ये दुनिया
शीशे का व्यापार न करना

सोये अरमाँ जाग उठेंगे
दुनिया से तुम प्यार न करना

माना वो दुश्मन है तेरा
पीछे से पर वार न करना

मीठे बोल कोई भी माँगे
देने से इनकार न करना

१ जुलाई २०१६

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