गाँव छोड़ा
शहर आए
उम्र काटी सर झुकाए
ढूँढ ली खुशियाँ इनामों में
जुड़ गए कुछ खास
नामों में
माँ नहीं सोई
भिगोकर आँख रातों रात रोई
और हर त्योहार बापू ने किसी की
बाट जोही
मीच आँखे सो नहीं पाए
बाँध कर उम्मीद
पछताए
हाँ हुजूरी में सलामों में
खो गए बेटे निजामों में
ढूँढ ली खुशियाँ इनामों में
जुड़ गए कुछ खास
नामों में
घर नहीं कोई
यहाँ दरबार हैं या हैं दुकानें
जो हँसी लेकर चले उस पर पुती हैं
सौ थकानें
कामयाबी के लिये सपने
बेच डाले रात दिन
अपने
सिर्फ कुछ छोटे छदामों में
खो गए रंगीन शामों में
ढूँढ ली खुशियाँ इनामों में
जुड़ गए कुछ खास
नामों में
अनुभूति का
३० अगस्त का अंक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेषांक होगा।
इस अंक के लिये गीत, गजल, छंदमुक्त, दोहा, मुक्तक, हाइकु आदि
विधाओं में श्रीकृष्ण से संबंधित रचनाएँ आमंत्रित हैं।
रचना भेजने की अंतिम तिथि २० अगस्त है। पता इस पृष्ट पर ऊपर
दिया गया है।