प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 
पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति  

१८. १. २०१०

अंजुमन उपहार काव्य संगमगीत गौरव ग्रामगौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनहाइकु
अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँदिशांतरनवगीत की पाठशाला

आजकल

  हवा में फिर से घुटन है आजकल
रोज सीने में जलन है आजकल
1
घुल रही नफरत नदी के नीर में
नफरतों का आचमन है आजकल
1
कौन-सी अब छत भरोसे मन्द है
फर्श भी नंगे बदन है आजकल
1
गले मिलते वक्त खंजर हाथ में
हो रहा ऐसे मिलन है आजकल
1
फूल चुप खामोश बुलबुल क्या करें
लहू में डूबा चमन है आजकल
1
गोलियाँ छपने लगी अखबार में
वक्त कितना बदचलन है आजकल
1
जा नहीं सकते कहीं बचकर कदम
बाट से लिपटा कफन है आजकल
1
--रामेश्वर दयाल कांबोज हिमांशु
इस सप्ताह

अंजुमन में-

छंदमुक्त में-

क्षणिकाओं में-

गीतों में-

पुनर्पाठ में-

1

पिछले सप्ताह
११ जनवरी २०१० के अंक में

गीतों में-
जयजयराम आनंद

अंजुमन में-
शरद तैलंग

छंदमुक्त में-
दुर्गेश गुप्त 'राज'

दोहों में-
प्रेमचंद सहजवाला

संकलन में-
६०

hit counter
शरद रचनाओं के साथ- गाँव में अलाव

अन्य पुराने अंक

अंजुमन उपहार काव्य संगमगीत गौरव ग्रामगौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनहाइकु
अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँदिशांतर नवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

 

Google

Search WWW  Search anubhuti-hindi.org
प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|- सहयोग : दीपिका जोशी
   
३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०