अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में सुभाष काक की कविताएँ- 

नई कविताएँ-
एक सहेली
ग्रहण
चंद्रमा
जंगल में आग
नगर
नयनों का कोना
संवाद
सीमा पार


कविताओं में-
अंगारों का रास्ता
अनुराग और द्वेष
अश्वताल
इतिहास पुराण
एक और युद्ध
पत्ते और भाव
प्रेम का संकेत
पशु विदाई
रंग अंधेरे में
श्वेत फूल

संकलन में—
वर्षा मंगल–डरा पक्षी

 

श्वेत फूल

बचपन के आँगन के
श्वेत फूल
मैं भूल गया,
जब से गाँव छोड़ा
वैसे पौधे नहीं देखे।

प्रातः कल
अमेरिका की एक नई बस्ती में
जहाँ मैं खो गया था
गाड़ी की खिड़की से
मैंने वैसे ही
श्वेत फूल
एक घर के पास पाए

एक लड़का उस उद्यान में
खेल रहा था।
जैसे स्वप्न में
डूबा हो।

1 जुलाई 2005 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter