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  कालजयी

कुछ भी तो
नहीं है कालजयी
अगर देखो तो !
व्यक्तिगत आडम्बर
परिवारिक मेलजोल
समाजिक वर्चस्व
या प्रांतिय व्यवहार

अगर कुछ है
तो वो है-
आपके सदव्यवहार
आपकी कृतियाँ
आपके उदगार
आपकी सम्वेदनाएँ

जोकि कालजयी हैं
और याद रखी जाती हैं
मरने के बाद भी
एक थाती की तरह

१६ जुलाई २०१२

 

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