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नंद भारद्वाज


जन्म- राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर के माडपुरा गाँव में २० मार्च १९४९ को।

कार्यक्षेत्र-
हिन्दी और राजस्थानी में कवि, कथाकार, समीक्षक और संस्कृतिकर्मी के रूप में सुपरिचित। कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना, संवाद और अनुवाद आदि विधाओं में निरन्तर लेखन और प्रकाशन। जनसंचार माध्यमों - पत्रकारिता, आकाशवाणी और दूरदर्शन में सम्पादन, लेखन, कार्यक्रम नियोजन, निर्माण और पर्यवेक्षण में चार दशक का अनुभव।

प्रकाशन :
राजस्थानी में - अंधार पख (कविता संग्रह), दौर अर दायरौ (आलोचना), सांम्ही खुलतौ मारग (उपन्यास), बदळती सरगम (कहाणी संग्रह)।
 
हिन्दी में - झील पर हावी रात (कविता संग्रह), संवाद निरन्तर (साक्षात्कारों का संग्रह), और साहित्य परम्परा और नया रचनाकर्म (हिन्दी आलोचना), हरी दूब का सपना (कविता संग्रह), संस्कृति जनसंचार और बाजार (मीडिया पर केन्द्रित निबंधों का संग्रह) और `आगे खुलता रास्ता´ (अनुदित हिन्दी उपन्यास) प्रकाशित।

सम्पादन :
सन् १९७२ से १९७५ तक राजस्थानी साहित्यिक पत्रिका 'हरावळ' का संपादन। सन् १९८९ में राजस्थान साहित्य अकादमी से प्रकाशित 'राजस्थान के कवि' श्रृंखला के तीसरे भाग “रेत पर नंगे पांव” का संपादन, १९८७ में राजस्थान शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित सृजनधर्मी शिक्षकों की राजस्थानी रचनाओं के संकलन “सिरजण री सौरम” और वर्ष २००७ में नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नई दिल्ली से स्वतंत्रता के बाद की राजस्थानी कहानियों के संकलन “तीन बीसी पार” का संपादन ।

सम्मान : राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर द्वारा 'दौर अर दायरौ' के लिए नरोत्तमदास स्वामी गद्य पुरस्कार सन् १९८४ में, मारवाड़ी सम्मेलन, मुंबई द्वारा 'सांम्ही खुलतौ मारग' पर सर्वोत्तम साहित्य पुरस्कार २००२ में। दूरदर्शन महानिदेशालय द्वारा भारतीय भाषाओं की कालजयी कथाओं पर आधारित कार्यक्रम श्रृंखला के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान के लिए विशिष्ट सेवा पुरस्कार, सन् २००३ में, “सांम्ही खुलतौ मारग” पर केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार २००४ और संबोधन संस्थान, कांकरोली द्वारा वर्ष २००५ में “हरी दूब का सपना” पर आचार्य निरंजननाथ साहित्य पुरस्कार, के.के. बिड़ला फाउंडेशन का `बिहारी पुरस्कार-२००८ काव्य-कृति `हरी दूब का सपना' पर और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा भारतेन्दु हरिश्चीन्द्र पुरस्कार २०१० में।

सम्प्रति : दूरदर्शन केन्द्र जयपुर के वरिष्ठ निदेशक पद से सेवा-निवृत्त।

ईमेल : nandbhardwaj@gmail.com

 

अनुभूति में नंद भारद्वाज की रचनाएँ—

छंदमुक्त में-
एक आत्मीय अनुरोध

तुम यकीन करोगी
तुम्हारा होना
बरसों बाद
मैं जो एक दिन

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