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अनुभूति में उमा प्रसाद लोधी की रचनाएँ—

अंजुमन में-
आदर्शों की अर्थी
गीत में साँस
लज्जावती लजाई
सूरज तेरा ताप

हमने देखे हैं

 

गीत में साँस

गीत में साँस ढलने लगी
रात करवट बदलने लगी

पास में तुम न थे इसलिए
जिन्दगी हाथ मलने लगी

नेह जलने लगा सूत सा
मोम सी देह गलने लगी

क्या कहें स्वप्न में कौन था
चैन को नींद छलने लगी

याद की चाँदनी सी किरन
प्यार के साथ चलने लगी

द्वार पर एक आहट हुई
गुदगुदी मन को खलने लगी

दर्द की इक नदी नैन से
पीर बनकर निकलने लगी

१ नवंबर २०२२

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