अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में उमा प्रसाद लोधी की रचनाएँ—

अंजुमन में-
आदर्शों की अर्थी
गीत में साँस
लज्जावती लजाई
सूरज तेरा ताप

 

लज्जावती लजाई

लज्जावती लजाई तो, शील तक गये
छाया निहारनी थी बस, झील तक गये

अनुभूतियाँ हमारी जल चूमने लगीं
लहरें लिए हजार कई मील तक गये

आकाश थे तुम्हें हम कैसे छुएँ भला
अँधियार ले हृदय में कंदील तक गये

किससे पता न पूछा हिन्दोस्तान में
मनप्रीत, श्याम, डेविड, ज़लील तक गये

उसकी झलक मिली तो दिल खो गया 'उमा'
मैना के' साथ उड़ते' अबाबील तक गये

१ नवंबर २०२२

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter