अपने ना बेगाने
कौन तेरा है अपना प्यारे
हुआ कौन बेगाना
अपने ही हैं सारे जहाँ में
क्यों नहीं तूने पहचाना
जाने सबकुछ मानव फिर भी
है मानो अनजाना
जाने कब तक जुर्म करेगा
कैसे पड़ेगा उसे समझाना
देश में दहशत फैलाने वालों
क्यों चाहते हो दंगे करवाना
सभी तुम्हारे अपने हैं फिर
कैसे पड़ेगा तुझे समझाना
देश के दरिंदों सुन लो
चाहता हूँ मैं तुम्हें बतलाना
ये देश तुम्हारा अपना है
क्यों चाहते हो इसे नुकसान पहुँचाना
ऐ देश के नौजवानों
सहज न किसी की बात में आना
देश को ऊँचा उठाने को
पड़ेगा तुझे अभियान चलाना
अपने सभी हैं यहाँ पे प्यारे
पर नज़रिया तेरा बेगाना है
नज़र उठा के देख ज़रा
ये देश ही तेरा ठिकाना है
छोटा बड़ा अपना प्यारे
सबको गले लगाना सीख
गले लगा ले उसको भी तू
कहे सुशील जो माँगे भीख
१४ अप्रैल २००८
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