अनुभूति में
मानोशी चैटर्जी की रचनाएँ
अंजुमन में—
अपनी
निशानी दे गया
कोई तो होता
लाख चाहें
ये जहाँ मेरा नहीं है
हज़ार किस्से सुना रहे हो
गीतों में—
होली
गीत
कविताओं में—
आज कुछ
माँगती हूँ प्रिय
एक उड़ता ख़याल–दो रचनाएँ
कुछ जीर्ण क्षण
चलो
चुनना
ताकत
पुरानी
बातें
मेरा साया
लौ और परवाना
स्वीकृति
संकलन में—
दिये
जलाओ- फिर दिवाली है |
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चुनना
चुनना बड़ा मुश्किल होता है
सबसे अच्छी चीज़
सबसे बढ़िया सबसे ऊँची
सबसे उम्दा सबसे सुंदर
चुन लेना आसान नहीं
चुन कर फिर सोचना
ओह वो ले गया मेरी चीज़
मैं होता तो वही चुनता
कभी न ख़त्म होने वाली
ये दौड़ ये चुनने का सिलसिला
ख़त्म करना बड़ा मुश्किल होता है
चुनना बड़ा मुश्किल होता है।
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