अनुभूति में
हिना गुप्ता की
रचनाएँ- छंदमुक्त में-
चाहत
सपना
जिन्दगी
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जिंदंगी है एक कविता
जिदंगी है एक कविता
कुछ उम्मीदों की कुछ चाहतों की
बस एक कविता
गम है जिसका शीर्षक
भावना है जिसका डेरा
पल छिन पल छिन कहता फेरा
आ अपना ले ख्वाहिशों का मेला
हवा के साथ जो बोलें
तूफान का साथ देकर
सुगंध के साथ जो फैले
इत्र की खुशबू लेकर
दिलों में एक जगह बना लें
बस कुछ खुशी देकर
यहीं हैं जिदंगी
जो है बस एक कविता।
२४ अगस्त २००४
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