अनुभूति में असीम नाथ त्रिपाठी
की रचनाएँ
कविताओं में-
इम्तिहान
याद आता है
यों ही मन मे एक ख़याल
क्षणिकाओं में-
क्यों, बीता हुआ ज़माना, ज़रा मुड़ के तो देखो
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याद आता है...
कुछ धुंधली-सी यादों मे,
अक्सर तुम्हारा ख़याल आता है।
कहीं कोई छूटा हुआ, अनजाना-सा
दयार याद आता है।
उन छोटी-छोटी बातों का,
उन अकस्मात मुलाक़ातों का,
उन अनकहे जज़्बातों का,
उस इंतज़ार, उस उम्मीद,
उन कुछ नवीन प्रयासों का।
प्रायः मन की किताब के
अधखुले किसी पन्ने पर
'आलिखित' वो विचार याद आता है।
इस संबंध को क्या नाम दूँ मैं,
बस तेरा 'इंतज़ार' याद आता है।
७
जनवरी २००८
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