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अनुभूति में अरविंद चौहान की रचनाएँ

नई रचनाएँ-
सर्दी हाइकु

कविताओं में
ओ मेरी प्यारी वादी
याद आते हैं वे खेत और खलिहान
यों मिली खुशी
शाहजहाँ को फिर न लेना पड़े जन्म

हाइकु में-
गुलमोहर हाइकु

संकलन में-
अमलतास- हँसे अमलतास (हाइकु)
         अमलतास ने ली अँगड़ाई है (गीत)

शुभ दीपावली- फिर दीवाली आई है
होली है- वसंत और होली

  गुलमोहर हाइकु

गर्मी बेहाल
गुलमोहर छाँव
शीतल बाहें

धरा भभकी
दे शीतल थपकी
गुलमोहर

छतरी घनी
हरी और लाल सी
हरे वो गर्मी

हँसते फूल
गुलमोहर कहे
कहाँ है गर्मी

पथिक हारा
गुलमोहर तले
जीवनदान

गुलमोहर
दे पाठ जीवन का
शीतल बनो

लाल लाल सी
पाँत लगी अनन्त
गुलमोहर

बरसे रवि
ठंडी छाँव निश्चल
गुलमोहर

छलके लाली
छटा भई निराली
शीतल छाँव

धूल गुबार
समेटे हो निस्वार्थ
गुलमोहर

फूल लाल से
हरी पत्तियाँ सजीं
लजाए धरा

छींटे हैं लाल
रंग गया है मन
गुलमोहर

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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