अनुभूति में अरुणा
घवाना की
रचनाएँ—
छंदमुक्त
में-
अलाव
इंतज़ार
मौन
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मौन
मौन वृति के मौन कोण का
कोई तो मौन आधार होगा
सी.माओं से परे मौन रूप में
कोई तो मौन आकाश होगा
और दिल की मौन तबीयत का
कोई तो मौन आशिक होगा
मिजाज की मौन आकांक्षाओं का
कोई तो मौन आधार होगा
मौन के तसव्वुर में
ताबीर मौन का कोई
तो तलबगार होगा
मौन को समेटे मौन का
सौदागर किसी मौन समुंदर
के पार होगा
जब्त लहरों में बिखरे पानी
का कोई तो मौन आधार होगा
लहरों पर थिरकती उस
मूर्ति का कोई तो मौन श्रृंगार होगा
अंत तो यहीं
मौन की मौत का कोई
तो मौन इकरार होगा
९ मार्च २००५ |