अनुभूति में अरुणा
घवाना की
रचनाएँ—
छंदमुक्त
में-
अलाव
इंतज़ार
मौन
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इंतज़ार
बर्फ़ की रुई
सफ़ेद चादर सी
चांदनी से नहाई सड़क
सड़क पर बर्फ़
दूर उस चिड़िया को
तब से
मैं निहार रहा हूँ
हर चाय की चुस्की के साथ
उसके कंपन को जान रहा हूँ
पूर्व की तरफ़
मुँह बाय बैठी चिड़िया
शायद सूरज के
इंतज़ार में
ज्यों शमा परवाने के
इंतज़ार में।
९ मार्च २००५ |