अनुभूति में
चक्रधर शुक्ल की
रचनाएँ-
हास्य व्यंग्य-
आधुनिकता छै छोटे व्यंग्य
तीन छोटी कविताएँ (रामकथा से)
राजनीति- कुछ छोटी
कविताएँ
क्षणिकाओं में-
रंगः चार
क्षणिकाएँ
नेता एक : रंग अनेक
कविताओं मेँ-
आग का लगना
कविता
पिच का कमाल
समय
|
|
तीन छोटी कविताएँ
(रामकथा से)
आज का राम
आज का राम दिन-प्रतिदिन मर्यादाएँ तोड़ने में
लगा है वनवास न जाकर ए.सी. रूम में पड़ा है।
डर
संवेदनाएँ जब से मरने लगी
हैं सूपर्णनखायें राम-लक्ष्मण से नहीं रावणों से डरने लगी हैं।
गठबंधन
राम-रावण की शिखर वार्ता हुई कुछ राम ने कुछ
रावण ने कही - बैर-भाव भुलाकर दोनों ने गठबंधन कर लिया ये सुनकर
- विभीषण अंदर से हिल गया।
1 अप्रैल 2007
|